हैजा (Cholera) एक अति भयंकर एवं शीघ्र ही फैलने वाला संक्रामक रोग है। यह गर्मी एवं बरसात के मौसम में अधिक फैलता है। मेलो तथा तीर्थ स्थान पर जहां अधिक लोग एकत्रित होते है। वहां इस रोग के फैलने की अधिक सम्भावना होती है। हैजा के रोग प्रतिवर्ष हजारो व्यक्ति मृत्यु का शिकार हो जाते है। इस रोग का रोकथाम के अधिक से अधिक प्रयास करने चाहिए। रोग का संक्रमण होने के कुछ ही घण्टो के बाद रोग के लक्षण प्रकट होने लगते है।
फैलने का कारण (Cause Of Spread)
हैज़ा के रोग का मुख्यतम कारण एक बैक्टीरिया का शरीर में प्रवेश होता है। इस बैक्टीरिया का नाम विब्रियो कोलेरी (Vibrio Cholerae) इसके रोगी को प्रारम्भ में ही प्याज का रस अथवा अमृतधारा दिया जा सकता है। हैजा रोगी को भी पर्याप्त आराम करना चाहिये उसे भोजन बिल्कुल नहीं देना चाहिए। रोगी को थोड़ी मात्रा में पानी दिया जा सकता है। कुछ आराम हो जाने के बाद संतरे का रस जौ का पानी तथा गाय का दूध पानी मिलाकर दिया जा सकता है।
हैजा के लक्षण (Cholera Symptoms)
हैजा का प्रभाव होते ही व्यक्ति उल्टी और दस्त करने लगता है। हैजा रोगी का दस्त चावल की माड़ जैसा सफ़ेद तथा पतला होता है दस्त एवं उल्टी के परिणामस्वरूप रोगी शीघ्र ही दुर्बल हो जाता है। तथा उसके शरीर में ऐठन सी होने लगती है चेहरे की रौनक समाप्त हो जाती है। तथा आँखों के नीचे काले धब्बे पड़ जाते है। इसके अतिरिक्त रोगी की नाड़ी की गति मंद पड़ जाती है। यदि उचित उपचार न किया जाए तथा औषधि न दी जाए तो हैजे के रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।
- दिल की धड़कनो का तेज़ होना.
- मासपेशियो में ऐठन होना.
- मुँह और गला सुखना.
- ज्यादा प्यास लगना.
- पेशाब कम आना या न आना.
- बीपी कम होना.
- शरीर ठंडा पड़ जाना.
- उल्टी होना.
- दस्त होना.
बचने के उपाय (Ways To Avoid)
हैजा जैसे गंभीर रोग से बचने के अनेक उपाय है।
- हैजे के टीके नियमित रूप से अवश्य लगवाने चाहिए मेले तथा तीथ्र. स्थानों पे जाते समय सभी व्यक्तियों को या टिका लगवा लेना चाहिए.
- यदि कोई बच्चा इस रोग का शिकार हो जाए तो शीघ्र ही अन्य बच्चो. से अलग रखने के व्यवस्था करनी चाहिए.
- हैजे फैलते ही पानी को उबालकर तथा छानकर पीना चाहिए.
- हैजे से बचने के लिए मखियों से बचना जरुरी है। मखियों को समाप्त करने तथा उनसे बचने के लिए उपाय करने चाहिए.
- इन दिनों भीड़ वाले स्थानों अथवा रेलवे स्टेशन सिनेमा घर तथा मेले आदि में नहीं जाना चाहिए.
- हैजे के फैलने के दिनों में पाचन सम्बन्धी कोई भी परेशानी होते ही तुरंत उपचार करना चाहिए.
- हैजे के फैलने के दिनों में दूध एवं पानी को उबालकर ही पीना चाहिए.
- हैजे रोगी के मल मूत्र वमन तथा थूक आदि को मिट्टी के बर्तन में डालकर जमीन में गाड़ देना चाहिए.
- रोग फैलने के दिनों में बाजार के कटे हुए फल बिना ढकी हुई मिठाइयों आदि का सेवन बिल्कुल नहीं करनी चाहिए.
हैजा रोग के घरेलू उपचार (Home Remedies For Cholera)
हैजे के लक्षण स्पष्ट होते ही उसका उपचार शीघ्रता से करना चाहिए योग्य चिकित्सक द्वारा उपचार करवाना चाहिए किसी प्रकार की असावधानी नहीं बरतनी चाहिए.
अदरक (Ginger)
हैजे रोगी को पेट में दर्द ऐठन और डायरिया जैसी परेशानी होता है। इन परेशानियों को कम करने के लिए अदरक काफी फायदेमंद हो सकता है। अदरक का एक छोटा टुकड़ा ले अब इसे अच्छी तरह पीस ले इसके बाद इसमें एक चम्मच शहद मिला ले अब इस मिश्रण को पिए इससे आप लो पचान शक्ति हल्दी हो सकती है।
खीरा की पत्तियों नारियल पानी (Cucumber Leaves Coconut Water)
हैजे में आप नारियल का पानी और खीरा की पत्तियों का उपचार कर सकते है। इसके लिए खीरा की पत्तिया ले। उसके बाद खीरा के पत्तियों को पीस ले इसमें नारियल पानी मिलाए। लेकिन इन बातो का ध्यान रखे खीरा की पत्ती और नारियल का पानी दोनों बराबर की मात्रा में मिलाए। और जूस बना ले जूस को दिन में दोबार पिए हैजे की बीमारी को कम किया जा सकता है। साथ ही शरीर में पानी की कमी को भी पूरा किया जा सकता है।
छाछ (Butter Milk)
हैजे रोगी को छाछ का सेवन करना काफी फायदेमंद माना जाता है। एक गिलास छाछ ले उसमे एक चम्मच जीरा का पाउडर मिला ले। अब इसमें अपने स्वाद अनुसार सेंधा नमक मिला कर सेवन करे छाछ का सेवन करने से पेट के अंदर की गर्मी को शांति दिलाता है। दस्त उल्टी से परेशान व्यक्ति को छाछ का सेवन अवस्य करना चाहिए काफी अच्छा माना जाता है।
प्याज (Onion)
प्याज हैजा की बीमारी कम करने के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए आप को आधी प्याज और काली मिर्च 9 से 10 लेना है। इन दोनों को मिलाकर इसका पेस्ट बना ले। बनाने के बाद इसको तीन हिस्सों में बाट दे। इसका सेवन सुबह दोपहर शाम करे प्याज में एंटीबैक्टीरियल गुण पाये जाते है साथ ही एंटीबायोटिक्स की गुण भी पाये जाते है जो हैजे जैसी बीमारियों को दूर करता है।
लौंग (Clove)
हैजे में लौंग के सेवन से कम किया जा सकता है। साथ ही पेट से जुडी बीमारीओं को भी कम कर सकते है। इसके लिए 10 से 15 लौंग ले उसके बाद 5 से 6 कप पानी में डालकर उबाले। जब लौंग और पानी अच्छे से जाए तो इसे ठण्डा होने के लिए छोड़ दे। ठण्डा होने के बाद दिन में दो से तीन बार पिए। इससे डायरिया से जुडी परेशनी कम हो जाती है। साथ ही आंत में मौजूद बैक्टिरया और पैरासाइट्स भी ख़त्म हो सकते है।
निष्कर्ष (Conclusion)
घरेलू उपचार से आप बीमारी को कम कर सकते है। लेकिन ध्यान रखे की हैजा या अन्य बीमारी होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह ले और चिकित्सक द्वारा दी गई औषधि का सेवन समय समय पर करे साथ ही पानी का सेवन अधिक से अधिक करे। ताकि शरीर में पानी की कमी न हो पाये।
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