टाइफाइड बुखार साल्मोनेला बैक्टीरिया से फैलने वाला एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है टाइफाइड पाचन तंत्र और ब्लडसट्रीम में बैक्टीरिया के इन्फेक्शन की वजह से होता है गंदे पानी संकर्मित जूस या पये के साथ साल्मोनेला बैक्टीरिया शरीर के अंदर प्रवेश कर जाता है। बैक्टीरिया के शरीर में घुसने के बाद टाइफाइड के लक्षण महसूस होने लगते है रोगी को टाइफाइड में काफी कमजोरी महसूस होने लगती है। क्या आप को पता है, टाइफाइड किस कारण से हो सकता है। टाइफाइड होने पर कौन से लक्षण महसूस होते है।
टाइफाइड कैसे फैलता है (How IS Thphoid Spread)
टाइफाइड रोग एक खास प्रकार रोगाणुओं द्वारा फैलता है। इस रोगाणु को बेसिलस टाइकोसस कहा जाता है। यह रोगाणु रेंगने वाला होता है। टाइफाइड बुखार के रोगाणु का सवहन जल और भोजन के माध्यम से होता है टाइफाइड बुखार बच्चो को भी हो सकता है और बड़ो को भी हो सकता है ऐसा माना जाता है। की टाइफाइड बुखार एक बार हो जाता है। उसे दोबारा यह बुखार नहीं होता है टाइफाइड बुखार की उदभवन अवधि सामान्य रूप से चार दिन से दस दिन तक हो सकती है।
टाइफाइड बुखार के लक्षण (Symptoms Of Typhoid Fever)
टाइफाइड बुखार प्रारंभ होते ही सर में तेज़ दर्द होता है और व्यक्ति काफी अधिक बैचनी महसूस करता है जैसे-जैसे रोग कीटाणु अपना असर करते है बुखार तेज़ होने लगता है इसके अलावा बुखार के साथ-साथ सारे शरीर पर कभी-कभी सफ़ेद रंग मोती के आकर वाले दाने भी निकल आते है टाइफाइड बुखार के कारण आंतो में सूजन व अन्य विकार भी आ जाते है।
- बड़ो बच्चो में कब्ज और बच्चो ने दस्त भी हो सकता है।
- टाइफाइड बुखार से परेशान व्यक्ति को 102-104 डिग्री से ऊपर बुखार रहता है।
- टाइफाइड रोगी को दस्त होने लगता है।
- टाइफाइड में कमजोरी महसूस होना।
- टाइफाइड में आलस्य और सुस्ती महसूस होना।
- ठण्ड सा महसूस होना।
- टाइफाइड बुखार के लक्षण के रूप में शरीर में दर्द होना।
- टाइफाइड से परेशां व्यक्ति को सर में दर्द होता है।
- जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता जाता है वैसे ही भूख कम हो जाती है।
टाइफाइड से बचने के उपाय (Ways To Avoid Typhoid)
टाइफाइड बुखार नामक संक्रामक रोग से बचने के लिए निम्न प्रकार के उपाय किये जा सकते है।
- सभी व्यक्ति को चिकित्सक की राय से समय-समय पर टी.ए.बी. का टीका लगवाना चाहिए।
- जिस व्यक्ति को टाइफाइड बुखार हो जाए उसे अलग रखना चाहिए तथा अन्य व्यक्तियों को उसके सम्पर्क से बचना चाहिए।
- रोगी के बर्तन बिस्तर एवं अन्य वस्तुओ को अलग रखना चाहिए तथा रोगी के ठीक हो जाने के उपरान्त उन्हें उबलते हुए गर्म पानी में धोना चाहिए।
- रोगी के मल मूत्र को अलग स्थान पर नष्ट करना चाहिए तथा उसमे किसी रोगाणुनाशक तत्व को अवस्य डाल देना चाहिए| ताकि कीटाणु मर जाए।
- सभी व्यक्तिओ को चाहिए दूध उबालकर पिए क्योकि इस रोग के रोगाणु दूध के माध्यम से भी लग सकते है।
टाइफाइड बुखार के उपचार (Treatment Of Typhoid Fever)
टाइफाइड बुखार का समुचित उपचार सम्भव है रोगी को पूर्ण विश्राम अनिवार्य है उसे एक स्थान पर आरम से लिटाए रखना चाहिए इस बात की कोशिश करनी चाहिए की रोगी टट्टी-पेशाब के लिये बार-बार न उठे टाइफाइड बुखार के उपचार के लिए विभिन्न औषधीय भी है एंटीबायोटिक औषधीय तथा इंजेक्शन भी दिए जाते है टाइफाइड रोग के उपचार अनुभवी चिकित्सक से ही करानी चाहिए इसके अतिरिक्त फलो का रस तथा दूध भी दिया जा सकता है टाइफाइड रोगी को पीने के लिए उबला हुवा पानी ही देना चाहिए|
- घर की चीजों को नियमित साफ सफाई करे।
- संग्रहित खाद्य पदार्थो से बचे।
- रोगी को ज्यादा तर गर्म पदार्थो का सेवन करे।
- कच्चे सब्जियां और फल खाने से बचे।
- टाइफाइड रोगी को भोजन नहीं बनना चाहिए।
- टाइफाइड रोगी को अपने बर्तन और भोजन किसी से भी न बाटे।
- टाइफाइड रोगी को प्रदूषण मुक्त भोजन स्वास्थ के लिए आवश्यक है।
- पानी को स्वच्छ कर के पीना कूड़े-कचरे का निपटान सही तरीके से करना।
- संक्रमण को रोकने के लिए संक्रमित व्यक्ति के व्यक्तिगत उपयोग वस्तुओ की साफ सफाई रखे।
- टाइफाइड रोगी को को घर के कामो से दूर रखे।
- बाहरी खाद्य और पेय पदर्थो को न ले।
- उचित तरीके से पका भोजन गर्म संक्रमित व्यक्ति को दे।
- संक्रमित व्यक्ति को कच्चा आहार न दे।
- संकर्मित व्यक्ति अपने हाथो को साबुन युक्त गर्म पानी से धोए।
टाइफाइड बुखार के घरेलू उपचार (Home Remedies For Typhoid Fever)
टाइफाइड रोगी अक्सर डिहाइड्रेशन का कारण बनते है। इस लिए रोगी को कुछ बाद तरल पदार्थ जैसी ताजे फल के रस,पानी हर्बल चाय आदि रोगी को सेवन करना चाहिए केवल उबला हुवा आहार ले और बाहरी खाने से परहेज करे यह टाइफाइड में कमजोरी की स्थिति में आपकी मदद करता है बीमारी से राहत दिलाता है।
लौंग (Clove)
टाइफाइड घरेलू उपचार के लिए लौंग का इस्तेमाल करे लौंग में टाइफाइड को ठीक करने में गुण होते है। 8 कप पानी में 5 से 8 लौंग डालकर उबाल ले जब पानी आधा हो रह जाये लौंग के पानी को अच्छे से छान ले इस पानी को पूरा दिन पिए इस उपचार को लगातार एक हफ्ते तक करे इससे टाइफाइड में हुई कमजोरी दूर होती है।
शहद (Honey)
एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद को मिलाकर पीना से टाइफाइड में अत्यन्त लाभकारी होता है यह उपचार टाइफाइड में लाया जाने वाला बहुत फायदेमंद उपचार है नियमित रूप से शहद का सेवन करने से इम्युनिटी सिस्टम बढ़ती है।
सेब का जूस (Apply Juice)
सेब का जूस को निकालर इसमें अदरक का रस मिलाकर पिए इस तरह के बुखार में काफी लाभदायक है।
ठण्डे पानी की पट्टी (Cold Water Bar)
टाइफाइड बुखार में कभी-कभी पीड़ित को बुखार काफी तेज़ हो जाता है ऐसे में यह जरुरी है की हम रोगी के शहरी का तापमान सामान्य बनाए रखे उसके लिए ठन्डे पानी की सहयाता ले सकते है रोगी के माथे, हाथों और पैर पर कॉटन के कपडे की पट्टिया रखनी चाहिए ऐसा करने से रोगी को तेज़ बुखार को कम करने में मदद मिलती है।
लहसुन (Garlic)
लहसुन प्राकृतिक एंटीबायोटिक है, और लहसुन की तासीर गर्म होती है, घी में 5 से 8 लहसुन की कालिया पीसकर तले तलने के बाद इसमें सेंधा नमक मिलाकर खाए। बेहतर उपाय के लिए किसी अच्छे चिकित्सक से जरूर परामर्श ले।
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