संक्रामक रोगो में चेचक एक अत्यधिक भयंकर एवं घातक रोग है अब से कुछ वर्ष पूर्व तक भारत वर्ष में इस संक्रामक रोग का काफी अधिक प्रकोप था प्रतिवर्ष लाखों लोग इस रोग से पीड़ित होते थे तथा हजारो मृत्यु हो जाती थी लेकिन अब सरकार के व्यवस्थित प्रयास से हमारे देश में चेचक पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया गया है। चेचक को जड़ से समाप्त करना हमारा उद्देश्य है चेचक को स्थानीय बोलचाल की भाषा में बड़ी माता भी कहा जाता है। इस लेख में चेचक के लक्षण और से बचने के उपाय के बारे में विस्तार बताया गया है जो की निम्न प्रकार के है।
चेचक रोग के लक्षण (Symptoms Of Chicken Pox)
शरीर में चेचक के रोगाणु सक्रिय होते ही व्यक्ति को तेज़ ज्वर होता है। सारे शरीर में पीड़ा होती है। और नाक से पानी बहने लगता है। इस काल में कभी कभी जी मिचलाने लगता है, और उल्टी भी आ जाती है। चेचक के लक्षण सुरु होते ही आंखे लाल हो जाती है। और बहोत अधिक बेचैनी होने लगती है। इसके बाद चेचक के दाने निकलने लगते है। सबसे पहले चेहरे पर लाल रंग के दाने दिखाई देते है ये दाने धीरे-धीरे हाथ पांव पेट और सारे शरीर पर निकल आते है। चेचक के दाने सुरु में लाल रंग के होते है। धीरे-धीरे ये फूलने लगते है। और इनमे एक प्रकार का तरल पदार्थ पर जाता है। जो धीरे-धीरे मवाद में बदल जाता है। दोनों का भयंकर प्रकोप लगभग एक सप्ताह तक रहता है। एक सप्ताह के बाद चेचक का प्रकोप घटने लगता है ज्वर भी घट जाता है और दोनों धीरे-धीरे सूखने लगते है।
लेकिन शरीर में असहाये पीड़ा खुजलाहट और जलन होती है। कभी कभी शरीर में सूजन भी आ जाती है। इसके बाद चेचक के दानो की मवाद सूखने लगती है। और दानो पर पपड़ी सी बन जाती है जो बाद में सुखकर गिरने लगती है। पुरे शरीर से यह पपड़ी उतर जाने के बाद ही रोगी स्वस्थ हो पाता है।
चेचक का फैलना (Smallpox Outbreak)
चेचक वायु के माध्यम से फैलने वाला संक्रामक रोग है। यह रोग विषाणु (Virus) द्वारा फैलता है। जिसे वैरियोला वायरस कहते है। रोगी व्यक्ति के साँस,खासी व बलगम के अतिरिक्त उसके दानो के मवाद छिलके उल्टी मल एवं मूत्र से भी चेचक विषाणु वायु में व्याप्त हो जाते है जल्द ही सब और फैल जाते है जिससे अनेक व्यक्ति प्रभावित होने लगते है। रोगी से सीधे सम्पर्क दवारा भी चेचक फ़ैल सकता है चेचक के फैलने का मुख्य काल नवम्बर से मई तक होता है।
सम्प्राप्ति काल – चेचक नामक रोग का सम्प्राप्ति काल का उद भवन अवधि 10 से 15 दिन तक होता है
चेचक से बचने के उपाय (Ways To Prevent Chicken Pox)
यह सत्य है की चेचक का उपचार नहीं हो सकता लेकिन इस रोग से बचने के उपाय किए जा सकते है चेचक से बचने तथा इसको फैलने से रोकने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते है।
- चेचक के रोगी को बिल्कुल अलग रखना चाहिये अन्य व्यक्तियो को विशेष रूप से बच्चो को उसके संपर्क में नहीं आना चाहिए.
- चेचक के लक्षण दिखाई देते ही किसी अच्छे चिकित्सक से परामर्श करना चाहिये तथा चिकित्सक के निर्देश के अनुसार ही कार्य करना चाहिए.
- रोगी के दवारा इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तन और अन्य वस्तुओ को बिल्कुल अलग रखना चाहिए.
- चेचक रोगी के मल मूत्र थूक तथा उल्टी आदि को अलग रखना चाहिए तथा उसमे कोई तेज़ निसंक्रामक तत्व डालकर या तो जमीन में गाड़ देना चाहिए या फिर जला देना चाहिए.
- रोगी का देख भाल करने वाले व्यक्ति को पहले ही चेचक का टीका लगवाना चाहिए इस व्यक्ति को भी अन्य व्यक्तियों के सम्पर्क से बचना चाहिए.
- रोगी के दानो पर उतरने वाले पपड़ियो को सावधानी से इकठ्ठा करके आग से जला देना चाहिए.
- चेचक रोग से बचने के लिए चेचक का टीका अवश्य लगवा लेना चाहिए इस बात का प्रयास करना चाहिए की हर व्यक्ति को समय पर चेचक का टीका लग जाए.
चेचक का उपचार (Small Pox Treatment)
सामान्य रूप से चेचक रोग का उपचार के लिए कोई भी औषधि नहीं दी जाती यह रोग अपने आप ही समाप्त होता है। लेकिन कुछ उपचारो द्वारा इस रोग की भयंकरता से बचा जा सकता है। तथा रोग से होने वाले अन्य कष्टों को कम किया जा सकता है। चेचक के रोगी को हर प्रकार से अलग रखना चाहिए उसे हर प्रकार की सुविधा दी जानी चाहिए रोगी के कमरे में ज्यादा उजाला न हो क्यों रौशनी से आँखों में चौंध लगती है।
जिसका नजर पर बुरा असर पड़ता है। चेचक के रोगी को पीने के लिए उबला हुवा पानी तथा हल्का आहार देना चाहिए रोगी से सहानु भूतिपूर्वक व्यवहार करना चाहिए किसी चिकित्सक की राय से कोई अच्छा मरहम भी दानो पर लगाया जा सकता है रोगी को सलाह देनी चाहिए की वो दानो को खुजलाए नहीं।
चेचक रोग के घरेलू उपाय (Home Remedies For Chicken Pox)
नीम के पत्ते (Leaves Of The Neem Tree)
नीम के पत्ते को पानी के साथ पीसकर दाने वाले जगह पर लगाए नीम के पत्तो को पानी में उबालकर और इस पानी को नहाने में प्रयोग करे ऐसा करने पर रोगी को काफी राहत मिलेगा और दर्द में भी राहत मिलेगी।
प्याज का रस (Onion Juice)
प्याज का रस एक चम्मच 2-3 काली मिर्च पीसकर कुछ दिन तक दिन में 2-3 बार पिलाए ऐसा करने से बड़ी और छोटी माता ठीक हो जाती है।
हरा मटर (Green Pea)
हरा मटर का दाना पानी में पकाए और इस पानी को रोगी के शरीर में लगाए इससे शरीर में लाल दाग समाप्त हो जाते है।
शहद (Honey)
शहद में एंटी बायोटिक गुण होते है जो शरीर में मौजूद किसी भी वायरस को मिटाने में सहायक होते है दाने वाले जगह पर शुद्ध शहद को लगाए यह प्रक्रिया 2-3 बार करे रोगी को काफी लाभ मिलेगा।
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